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पायलट बाबा के शिष्यों ने की सुरक्षा की मांग, आश्रम प्रबंधन पर लगाये गंभीर आरोप।

विकास झा

हरिद्वार। महायोगी पायलट बाबा ( सोमनाथ गिरि महाराज) के शिष्यों जिला प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने आश्रम में स्वयंभू बने महामंडलेश्वर संतों, कर्मचारियों पर फर्जी वसीयत बनाकर आश्रम की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया। कहा कि कोर्ट के आदेश पर एसआईटी का गठन किया गया है। लेकिन पांच माह बीतने के उपरांत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे आरोपियों का मनोबल बढ़ा हुआ है और वें लगातार पायलट बाबा के शिष्यों का उत्पीडन करने में लगे हैं।
प्रेस क्लब, हरिद्वार में के सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान पायलट बाबा के शिष्य स्वामी करण गिरी महाराज ने कहा कि पायलट बाबा
की मृत्यु के उपरांत फर्जी वसीयत के आधार पर आश्रम की संपत्ति को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। वहीं आश्रम में रहने वाले शिष्यों को डरा धमकाकर आश्रम से निकालने की साज़िश की जा रही है। पायलट बाबा के शिष्यों साध्वी पूर्णानंद गिरि, साध्वी शिवांगी गिरी, साध्वी राज राजेश्वरी गिरी, साध्वी गीतांजलि गिरी स्वामी ब्रह्मानंद गिरी, स्वामी करण गिरी, स्वामी प्रेमानंद गिरी को आश्रम से निकालने की साज़िश की जा रही है। आश्रम के स्वयंभू बने उत्तराधिकारी महामंडलेश्वर चेतना गिरी, महामंडलेश्वर श्रद्धा गिरी, अमर अनिल सिंह, जयप्रकाश, जग्गा, अजय सिंह, दुष्यंत सिंह आश्रम की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने करने में जुटे हैं। एसआईटी का गठन होने के उपरांत आश्रम की संपत्ति नष्ट किया जा रहा है। स्वामी करण गिरी ने कहा 20 अगस्त 2024 को महायोगी पायलट बाबा ब्रह्मलीन हो गए थे। उनकी गलत तरीके से देखभाल और आपराधिक षड्यंत्र के चलते इलाज में लापरवाही कर हत्या को अंजाम दिया। उनके साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में बिहार के सासाराम, नैनीताल, दिल्ली और गुना (मध्य प्रदेश में पुलिस के पास शिकायतें / रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। आश्रम में रहने वाले अमरअनिल सिंह, जयप्रकाश, चंद्रकला पांडे, चेतना, विकास, अजय कुमार सिंह, जय भगवान सिंह सहरावत आदि ने एक आपराधिक षड्यंत्र रचकर पायलट बाबाजी की व्यक्तिगत तथा उनकी संस्था महायोग फाउंडेशन योगमाता फाउंडेशन की चल अचल संपत्तियों को अपने कब्ज़े में करने के लिए एक साजिश रची और वर्ष 2020 में घोर करोना काल के दौरान उनकी एक फ़र्जी वसीयत तैयार की।उस दौरान पायलट बाबा शारीरिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से बेहद कमजोर स्थिति में थे। इन लोगो ने दुरभिसंधि के चलते संस्था महायोग फाउंडेशन (S-29215) की एक फ़र्जी कार्यकारिणी बनाकर अलग अलग बैंकों में संस्था के खाते खुलवा कर संस्था को दान में मिले सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया। इन लोगों ने पायलट बाबाजी की बीमारी कमज़ोरी और विश्वास का अनुचित लाभ उठाकर उनकी व्यक्तिगत संपत्तियों निजी बैंक खातों में जमा धन का दुरुपयोग किया है। महायोग फाउंडेशन की फ़र्जी कार्यकारिणी द्वारा कूट रचित प्रस्ताव पारित करके संस्था महायोग फाउंडेशन (जो कि सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर्ड है) की ज़मीनों को गैर क़ानूनी तरीक़े से बेच दिया। बाहरी लोगों से कब्ज़ा करवा दिया और करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। संस्था के नाम पर दान पर्चियाँ काट कर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करके इनका फर्जीवाड़ा आज तक जारी है। बाबा के शिष्य स्वामी ब्रह्मानंद गिरि की शिकायत पर हरिद्वार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा एक एस.आई.टी. का गठन किया गया है। लगभग पांच महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक एस.आई.टी. की जाँच किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँची है। अमरअनिल सिंह, जय प्रकाश, चंद्रकला पांडे, चेतना, विकास, जय भगवान सिंह सहरावत, अजय कुमार सिंह, मनोज कुमार आदि पर गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज है, यह सभी लोग कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए खुले घूम रहे हैं। इनके विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने वाले साधुओं और गवाहों को डराने धमकाने की मंशा से दर्जनों हथियारबंद लोगो को साथ लेकर यह सब पायलट बाबाजी के हरिद्वार स्थित आश्रम में डेरा जमाए बैठे हैं। अपने धन बल और बाहुबल से पायलट बाबाजी के साधु/संन्यासी शिष्यों पर झूठे आरोप लगा कर और मारपीट कर दवाब बनाकर उनको आश्रमों से बाहर निकालने की और पुलिस की जांच को प्रभावित करने की और अपने ख़िलाफ़ सबूतों को मिटाने की साजिश रच रहे हैं। यह लोग आश्रम का माहौल पूरी तरह खराब कर चुके हैं। सब साधूओं की जान को हर पल खतरा बना हुआ है हमारे द्वारा पूर्व मे भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार, थाना प्रभारी कनखल, पुलिस चौकी जगजीतपुर तथा आपके कार्यालय को भी आश्रम की स्थिति से अवगत क राया गया था। लेकिन अभी तक हमारी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। और ना ही आरोपियों की गिरफतारी हुई और न ही हथियार बंध लोगो को आश्रम से हटाने के लिए पुलिस ने कोई कदम उठाया है।

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