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दून में 20 जून से तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी। लिविंग विद नेचरः सॉयल, वाटर एंड सोसाइटी इन इकोसिस्टम कंजर्वेशन है संगोष्ठी की थीम।

भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण के सहयोग से आईएएसडब्ल्यूसी कर रहा संगोष्ठी का आयोजन

देहरादून।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ सॉयल एंड वाटर कंजर्वेशन (आईएएसडब्ल्यूसी) देहरादून में 20 जून से तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय कान्फ्रेंस आयोजित करेगी।आईसीएआर- भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण देहरादून के सहयोग से हिमालयन कलचरल सेंटर देहरादून में आयोजित होने वाली कान्फ्रेंस में देशभर से ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ शामिल होंगे।

एसोसिएशन के आयोजक सचिव वरिष्ठ वैज्ञानिक इंजीनियर एसएस श्रीमाली ने बताया, 23 जून तक चलने वाली कान्फ्रेंस का विषय लिविंग विद नेचरः सॉयल, वाटर एंड सोसाइटी इन इकोसिस्टम कंजर्वेशन है। आईसीएआर, जल शक्ति मंत्रालय, भूमि संसाधन विभाग, इंटरनेशनल वाटर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, इंटरनेशनल बैंबू एंड रेटैन ऑर्गेनाइजेशन (इनबार) कान्फ्रेंस को प्रायोजित कर रहे हैं। उन्होंने बताया, कान्फ्रेंस में मृदा एवं जल के टिकाऊ प्रबंधन, पारिस्थितिकी तंत्र, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता के संरक्षण, ग्राउंड वाटर रीचार्ज सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में मिट्टी एवं जल संरक्षण के टिकाऊ प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधन आकलन, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं एवं जलवायु अनुकूलन पर शोध कार्यों से संबंधित शोध पत्र भी प्रस्तुति हेतु आमंत्रित किए जा रहे हैं, जिसमें देश के वैज्ञानिक, शिक्षाविद एवं विभिन्न संकायों के छात्र भी शामिल होने के लिए पंजीकरण करा सकते हैं।

इंजीनियर एसएस श्री माली ने बताया, कान्फ्रेंस के शुरुआती सत्र में वर्ष 20 zee22 और 2023 के आईएएसडब्ल्यूसी अवार्ड प्रदान किए जाएंगे। वहीं, कान्फ्रेंस की प्रत्येक थीम के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुतीकरण और सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति को पुरस्कृत किया जाएगा।

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