दीपक मौर्य
हरिद्वार। 11 जून को पंकज की मौत के बाद हुए बेलडा गांव में उपद्रव के बाद अनुसूचित आयोग कड़े एक्शन में दिखाई दे रहा है। आपको बता दें कि गांव में पथराव होने व उसके बाद अनुसूचित समाज के सैंकड़ों लोगों पर पुलिस द्वारा एकतरफा कार्यवाही किए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने आयोग से न्याय की गुहार लगाई थी। आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने भी सूचना मिलने पर बिना किसी देरी के 18 जून को गांव का दौरा किया था। उनके साथ आयोग के सदस्य श्यामल प्रधान व सचिव कविता टम्टा भी थीं। आयोग के समक्ष गांव की महिलाओं ने अपने साथ हुई दरिंदगी/ पिटाई की कहानी बताई थी। महिलाओं के अंगो पर चोट के निशान उनके साथ हुई दर्दनाक कहानी स्वयं बयां कर रहे थे। गांव के स्थलीय निरीक्षण में भी आयोग को घरों में तोड़ फोड़ साफ तौर पर दिखाई दिया था।
आयोग ने इस पर कड़ा एक्शन लेते हुए महिलाओं के मेडिकल कराने के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को पत्र लिखकर निर्देशित किया था। आयोग ने 8 महिलाओं के मेडिकल के लिए 19 जून को ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को पत्रांक संख्या 567/अ जा आयोग जारी किया था। इनमे मेनका देवी पत्नी नरेंद्र, सुनीता पत्नी शिवकुमार, उषा पत्नी बाबूराम, सीमा पत्नी व्रषित, रूमा पत्नी रणवीर गौतम, सुरेशो पत्नी विजयपाल के नीतम पत्नी विजय के साथ साथ मृतक पंकज की बहन नीलम के नाम आयोग द्वारा दिए गए थे। कल 21 जून को पत्रांक संख्या 614 के द्वारा अन्य 13 महिलाओं एवं पुरुषो के मेडिकल के लिए लिखा गया था जिनमे सविता पत्नी महेंद्र, ममता पत्नी शिवकुमार, प्रीतम पुत्र शेर सिंह, वेदपाल पुत्र अतर सिंह, शेषराज पुत्र मुल्लड, अमित पुत्र धर्मेंद्र, पलटुराम पुत्र फुल्ला, सुरेश पुत्र फुल्ला, दीपक पुत्र विजय पाल, आराध्या पुत्री दीपक, राजबीर पुत्र तुंगल, राखी पत्नी अशोक, गीता पत्नी तेलूराम के नाम शामिल थे। कल इन सभी का मेडिकल हो गया है।
इन महिलाओं पुरुषो में से 19 तारीख को हुए मेडिकल के आधार पर रूमा पत्नी रणवीर गौतम के द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर सचिन सहित रोड़ समाज के 36 व्यक्तियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एक्ट के साथ 354, 323, 504, 147, 395 व 452 आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है। अगर सूत्रों की माने तो इन महिलाओं व पुरषों ने भी रोड समाज के साथ पुरुष सिपाही पर छेड़छाड़ व मारपीट के आरोप लगाए हैं। नाम न छापने की शर्त पर एससी समाज के एक व्यक्ति ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर उन दोषी पुलिस वालों की पहचान बताई जाएगी। सूत्रों के हवाले से तो खबर यहां तक भी है कि इस संबंध में आयोग से भी पुलिस के खिलाफ कार्यवाही करने की संस्तुति हो चुकी है।
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