
गुलबहार गौरी
रुड़की। भारतीय किसान यूनियन (क्रांति) अराजनीतिक की मासिक बैठक का आयोजन गंगा कैनल रोड प्रशासनिक भवन रुड़की में राष्ट्रीय संयोजक मुकेश कंबोज की अध्यक्षता और राष्ट्रीय महामंत्री फकरे आलम के संचालन में किया गया। बैठक में किसान हित के सभी मुद्दे रखे गए। बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू(क्रांति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सिंह सैनी ने कहा कि अब समय आ गया है कि किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार फसलों पर हर हाल में एमएसपी लागू करे, जिससे देश व प्रदेश का किसान जीवित हो सके। आज किसान बहुत बुरे हालात से गुजर रहा है। किसानों के लिए जो योजनाएं केंद्र में प्रदेश सरकार दे रही है वह योजनाएं किसानों तक नहीं पहुंच पा रही है। उनको बीच में ही बंदर बांट किया जा रहा है।
बैठक में बोलते हुए राष्ट्रीय महासचिव फकरे आलम व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद प्रजापति ने कहा कि किसानों के मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए जिससे किसानों को थोड़ी राहत मिल सके और किसानों का बकाया बिजली बिल माफ होना चाहिए। सभी किसानों का ₹500000 तक का कर्ज माफ होना चाहिए और किसानों द्वारा अपने खेत में लगाए गए पेड़ पर उसकी कटाई का हक किसानों को मिलना चाहिए, सरकार उसको प्रतिबंध न करें। उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष प्रजापति डॉक्टर सुरेंद्र मनन वालों ने कहा कि उत्तराखंड की वर्तमान सरकार अपनी नियत व और नीति को साफ कर उत्तराखंड में दोहरा चरित्र न अपनाएं। सरकार हरिद्वार जनपद के साथ दोहरा चरित्र अपना रही है जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त करने योग्य नहीं है क्योंकि सरकार चलाने के लिए सबसे अधिक रिवेन्यू उत्तराखंड प्रदेश के सिर्फ और सिर्फ हरिद्वार जनपद से जाता है। जिससे सरकार का पेट भरण पोषण चलता है। महंगाई को देखते हुए उन्होंने कहा कि किसान जब कर्ज लेता है तो प्रति बीघे के हिसाब से कम से कम ₹200000 प्रति बीघा कर्ज सरकार मुहैया कराने का आदेश पारित करें। सरकार उद्योगपतियों पर अधिक ध्यान देने की बजाय किसानों पर ज्यादा ध्यान दें, जिससे देश और प्रदेश मजबूत हालत में होंगे। आज का किसान ऑक्सीजन पर जिंदा है यदि सरकार का किसानों के प्रति यही रवैया रहा तो आने वाले लोकसभा चुनाव में किसान सोच विचार कर मतदान का निर्णय लेगा। हरिद्वार जनपद के जिला अध्यक्ष अनिल चौधरी एवं हरिद्वार जिले के ग्रामीण जिला अध्यक्ष अंजुम कुरैशी व प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद पाल प्रधान ने कहा है कि गन्ने का रेट आज के समय में काम से कम ₹500 क्विंटल दिया जाए। यदि सरकार इससे कम गन्ने का मूल्य देती है तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे साथ ही सरकार चीनी मिलों की व्यवस्था दुरुस्त कराए। बैठक को करण सिंह, गौतम, संजय पवार, पंकज सैनी आदि ने भी संबोधित किया। बैठक में सुनील सैनी, राजू त्यागी, सुभाष तोमर, रवि कुमार, राजेश पाल आदि उपस्थित थे।
More Stories
धूमधाम से संपन्न हुआ, द्वादश ज्योतिर्लिंग प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव अनुष्ठान।
जिलाधिकारी ने कहा मिलावट खोर राष्ट्र व समाज के दुशमन, इनके विरुद्ध दर्ज हो मुकदमें।
हक की लड़ाई: नियमावली को लेकर बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियां के कर्मचारियों में उबाल, डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन।