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यूपी के प्रयागराज से आया दिल दहला देने वाला वीडियो। कंधे पर ले रहे हैं महिला का शव। देखें वायरल वीडियो।

ब्यूरो
यूपी के प्रयागराज से मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। मृत्यु के बाद सम्मानजनक शव यात्रा का अधिकार हर किसी को है लेकिन साधन नहीं होने के कारण महिला के शव को गठरी में बांधकर ले जाने का वायरल वीडियो कई सवाल खड़े कर रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक महिला के शव को ले जाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अस्पताल से शवों को घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सुविधा तो मिलती है लेकिन अगर कोई गरीब परिवार के व्यक्ति पर घर पर मौत हो जाए, शव यात्रा के साधन न हों, तो परिजन क्या करें? महिला के शव को कंधे पर लादकर पति और पिता जिस प्रकार से सड़क पर ले जाते इस वीडियो में दिख रहे हैं, वह समाज के उस स्याह सच को सामने ला रहा है। यह वीडियो दिल को दहलाने वाला है। महिला की शुक्रवार को बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। मामला प्रयागराज के झूंसी के नीबी गांव का है। मजदूर की पत्नी की मौत के बाद न तो अर्थी साजने के पैसे थे। न ही चार कंधे। ऐसे में बुजुर्ग पिता और पति ने अंतिम संस्कार के लिए महिला की लाश को गठरी में बांधा। एक बांस के सहारे गठरी को टांगा। श्मशान घाट की तरफ निकल गए। लोगों ने जब एक महिला की लाश को यूं गठरी में बांधकर ले जाते देखा तो हैरान रह गए। थकते दोनों जब गठरी को रखते दिखे तो लोगों ने ऐसे शव को ले जाने का कारण पूछा। दोनों ने जब पूरा मामला बताया तो हर कोई सिहर उठा।

प्रयागराज में गंगापार झूंसी में बांस में कपड़ा बांधकर एक महिला का शव ले जा रहे उसके पति और पिता की पुलिस और राहगीरों ने मदद की। बताया जा रहा है कि  नीबी गांव में मुसहर जाति के लोग पत्तल बेचकर जीवन यापन करते हैं। उन्हीं के समुदाय के नखड़ू की पत्नी अनीता (26) काफी दिनों से बीमार थी। शुक्रवार को उसका देहांत हो गया। उन्होंने बताया कि मृतका के परिवार के पास शव को वाहन से ले जाने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए उन्होंने न तो कोई एंबुलेंस बुलाया और न ही शव ले जाने वाला कोई वाहन बुलाया।

घाट करीब होने की वजह से पति नखड़ू और पिता मैनेजर बांस में चादर बांधकर शव को उसी में ले जा रहे थे। राहगीरों ने जब यह देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना पर पुलिस ने एक ई- रिक्शा की मदद से शव को श्मशान पहुंचाया। दाह संस्कार के लिए राहगीरों ने मिलकर पैसा इकट्ठा किया और मृतका के परिजनों को दिया। इसके बाद संस्कार की प्रक्रिया पूरी कराई जा सकी।

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