
क्राइम ब्यूरो
हरिद्वार। कैश डालने वाले युवक राहुल त्यागी ने ही लूट की साजिश का तानाबाना बुनकर अपने दोस्तों के साथ मिलकर लूट को अंजाम दिया। दिलचस्प बात यह है कि लूट के आधे घंटे बाद तक भी उसने पुलिस को सूचना नहीं दी लेकिन बाद में पुलिस की पूछताछ में असलियत उसने उगल दी। पुलिस ने लूटे गए 14 लाख 50 हजार रुपयों में से 13 लाख 60 हजार रूपये नगद बरामद कर लिए। एसएसपी अजय सिंह ने पुलिस टीम को शाबासी दी है।
10 अगस्त को कोतवाली रानीपुर क्षेत्रान्तर्गत सेक्टर 2 के पास झपट्टा मारकर गोयल मनी ट्रांसफर एंड कंपनी के कर्मचारियों से 14.5 लाख रुपयों से भरा बैग लूटने की सनसनीखेज वारदात का खुलासा करते हुए हरिद्वार पुलिस टीम ने बैग लूटने वाले 03 संदिग्धों सहित कुल 04 अभियुक्तों को दबोचते हुए बैग सहित लूटी रकम बरामद करने में सफलता हासिल की है। जनपद में दिनदहाड़े हुई इस घटना से चौतरफा हड़कंप मच गया था, जिसने भी सुना वही इस केस की चर्चा कर रहा था। इन सब कारणों से हरिद्वार पुलिस पर इस घटना के खुलासे का भारी दबाव था मगर भारी दबाव के बीच एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने शांत मन से पूरे मामले की स्वयं मॉनिटरिंग करते हुए गठित टीमों को घटना के खुलासे के लिए 24 घंटे का वक्त दिया। युद्ध स्तर पर पूरे जनपद व सिमांत बॉर्डर पर चलाए गए।
चैकिंग अभियान के बावजूद अभियुक्तों के हत्थे न चढ़ने पर पूरी वारदात व सूचना आगे देने वाले किरदारों को पूनः टटोलने पर एक महत्वपूर्ण तथ्य प्रकाश में आया कि कंट्रोल रूम को सूचना देने वाली महिला पुलिस कर्मी को एजेंसी के कर्मचारी ने प्रारंभिक सूचना के तौर पर केवल इतना बताया था कि उसका बैग जिसमें उसके दस्तावेज व कुछ रुपए रखे थे, को अज्ञात बाइक सवारों द्वारा छीना गया। एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी प्रकाश में आया कि एजेंसी कर्मचारियों द्वारा घटना घटित होने के पश्चात करीब 20 मिनट तक किसी से भी सम्पर्क नही किया गया तथा प्रारम्भिक सूचना देने के बाद मौके पर पहुंचे चेतक कर्मियों द्वारा गहनता से पूछताछ करने पर करीब 20 मिनट बाद उक्त कर्मचारी ने सही जानकारी देते हुए नगदी लूटे जाने सहित अन्य जानकारी दी गई। उक्त घटनाक्रम में एजेंसी कर्मचारी राहुल त्यागी की भूमिका संदिग्ध प्रकट होने पर पुलिस टीम ने अलग-अलग एंगल से सख्ती के साथ पूछताछ करते हुए हर सवाल पर दिए गए जवाब को गहराई से परखा। क्रॉस एग्जामिनेशन में अपने ही बताए तथ्यों में उलझने के पश्चात आखिरकार अभियुक्त ने सारे घटनाक्रम में अपनी भूमिका व अन्य किरदारों से पर्दा उठाया। पूछताछ में मालूम हुआ कि गोयल मनीट्रांसफर में बतौर कैश लोडर कार्यरत राहुल त्यागी गोयल मनीट्रांसफर के पैसे बैंक से खुद ही लाता था। अपने एक दोस्त मोनू पाल से काम के सिलसिले में हुई बातचीत के दौरान दोनों ने उक्त रकम को लूटने का प्लान बनाया और फिर मोनू पाल ने अपने दोस्तों सोमित पाल और सागर को अपनी योजना में शामिल किया।
10 अगस्त को राहुल त्यागी अपने सहकर्मी गौरव के साथ बन्धन बैंक ज्वालापुर से गोयल मनी ट्रांसफर के 14 लाख 50 हजार रूपये नगद लेकर निकला तो योजना के मुताबिक राहुल त्यागी ने फेसबुक मैसेन्जर के माध्यम से मोनू को सूचना दी। जब कर्मचारी गुरूद्वारा सेक्टर 2 पर पहुंचे तो बाइक पर सवार मोनू पाल, सोमितपाल व सागर उक्त पैसो का बैग छीनकर भाग गए।
पुलिस टीम ने नियमानुसार राहुत त्यागी को हिरासत में लेकर उसकी निशांदेही पर घटना में शामिल अन्य अभियुक्त मोनू पाल, सोमित पाल व सागर को तलाशते हुए आज महिपालपुर दिल्ली पहुंची तो सीसीटीवी फुटेज में अभियुक्त एक होटल में जाते हुए दिखाई दिए। सम्बन्धित होटल में जाकर पूछताछ करने पर पता चला कि अभियुक्त आज करीब 4.30 बजे चैक आउट कर कहीं और जा चुके हैं। टीम ने पुनः प्रयास करते हुए आखिरकार अभियुक्तों को मुजफ्फरनगर से दबोचकर उनके कब्जे से लूटी गई रकम में से कुल 13 लाख 60 हजार रूपये बरामद किये। शेष रकम को अभियुक्त द्वारा खर्च किए जाने की जानकारी मिली है।
पकड़े गए अभियुक्त राहुल त्यागी पुत्र शिव कुमार नि0 ग्राम थल मिनादपुर थाना स्याना जिला बुलन्दशहर उ0प्र0 हाल डी-4 शिवालिक नगर रानीपुर हरिद्वार, मोनू पाल पुत्र बीर सिंह नि0 अमित विहार कालोनी कूकडा थाना नई मण्डी जिला मुजफफरनगर उत्तर प्रदेश हाल निवासी रावली महदूद सिडकुल हरिद्वार, सोमितपाल पुत्र बीर सिंह नि0 अलमासपुर थाना नई मण्डी मु0नगर उ0प्र0, सागर पुत्र सुखपाल नि0 बचन सिंह कालोनी थाना नई मण्डी मु0नगर हैं जिनके पास से 13 लाख 60 हजार रूपये नगद बरामद किए गए।
लूट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम में रानीपुर कोतवाली प्रभारी नरेन्द्र सिंह बिष्ट, ज्वालापुर प्रभारी कुन्दन सिंह राणा, रानीपुर एसएसआई नितिन चौहान, एसआई रणजीत तोमर, यशवीर सिंह नेगी, कांस्टेबल दीप गौड, अजय कुमार, उदय नेगी, गोपाल, पंकज देवली, प्रेम, निर्मल, बलवन्त शामिल थे और सीआईयू टीम में प्रभारी विजय सिंह, एसआई पवन डिमरी, सुन्दरलाल, हेड कांस्टेबल पदम, हरबीर सिंह, उमेश, वसीम का सहयोग रहा।
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