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दरोगा भर्ती घोटाले में बड़ी कार्यवाही: हरीश रावत सरकार में पैसे देकर 2015 में भर्ती हुए 20 दरोगा निलंबित

क्राइम ब्यूरो

देहरादून। हरीश रावत सरकार में 2015 में हुई दरोगा भर्ती घोटाले में 20 संदिग्ध सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। दरोगा भर्ती घोटाला वर्ष 2015-16 में हुआ था। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के आदेश अनुसार यह बड़ा फैसला दरोगा भर्ती घोटाले में लिया गया है। हालांकि इस बात की आशंका है कि आने वाले दिनों में कुछ और संदिग्ध दरोगा भी निलंबित हो सकते हैं।

दरअसल, 2015-16 दरोगा भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस की टीम कर रही है। अभी तक की जांच में 40 से अधिक दारोगा पर परीक्षा में धांधली कर नियुक्ति पाने का आरोप है। विजिलेंस अभी कई साक्ष्य सबूत एकत्र कर विवेचना में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि आरोपी दारोगाओं के शैक्षिक प्रमाण पत्र की भी जांच हो रही है। ऐसा अंदेशा जताया गया है कि दारोगा भर्ती मामले में नियुक्ति पाने वाले कई दारोगा के शैक्षिक प्रमाण पत्र भी फर्जी हैं। ऐसे में विजिलेंस अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में तैनात आरोपित दारोगाओं के बारे में कई तरह की जानकारी भी विजिलेंस की टीम जुटा रही है। वहीं दारोगा भर्ती मामले में सस्पेंड किए गए 20 दरोगा के मामले एडीजी डॉ वी. मुरुगेशन ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के आदेश के तहत की गई है। आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि जब तक इस मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती संदिग्ध 20 दारोगा निलंबित रहेंगे।

आपको बताते चलें कि वर्ष 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में 339 दारोगाओं की भर्ती हुई थी। यूकेएसएसएससी द्वारा यह परीक्षा कराने की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत विश्व विद्यालय पंतनगर को दी गई थी। उस दौरान भी भर्ती में घपले के आरोप लगे थे लेकिन सरकार की ओर से जांच न कराने के कारण मामला दब गया था। इधर अन्य भर्ती परीक्षाओं में घोटाला पाये जाने पर गिरफ्तार किए गए नकल माफियाओं से जब एसटीएफ ने पूछताछ की गई तो पता चला कि दारोगा भर्ती में भी नकल हुई थी। इस मामले में पंतनगर यूनिवर्सिटी का एक सेवानिवृत्त अधिकारी भी गिरफ्तार हुआ था, जिसके तार नकल माफिया हाकम सिंह रावत के साथ जुड़े। जब गहनता से जांच की गई तो पता चला कि दोनों ने दारोगा भर्ती परीक्षा में भी गड़बड़ी करवाई थी। इसके बाद अक्टूबर 2022 को विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में इस संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में कुल 12 आरोपित हैं।

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