
2005-06 में नोएडा के निठारी में दिल दहलाने देने वाले निठारी कांड ने देश ही नहीं दुनिया को भी हिला दिया था। आज फिर निठारी कांड सुर्खियों में है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी कांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी करने का आदेश दिया है। नोएडा के चर्चित निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। इसके साथ ही दोनों को मिली फांसी की सजा भी रद्द कर दी गई है। कई दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की अदालत ने यह फैसला सुनाया। इस मामले पर विभिन्न खंडपीठों ने 134 दिन की लंबी सुनवाई की।
फांसी के खिलाफ दोनों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका
निठारी कांड में मुख्य अभियुक्त सुरेंद्र कोली और एक अन्य अभियुक्त मोनिंदर सिंह पंढेर को एक निचली अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई थी। इसके खिलाफ उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थीसुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर पर कई आरोप सुरेंद्र कोली के साथ कोठी डी 5 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को भी कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोली पर आरोप है कि वह पंढेर कोठी का केयरटेकर था और लड़कियों को लालच देकर कोठी में लाता था। निठारी गांव की दर्जनों लड़कियों गायब हो गई। वह उनसे दुष्कर्म कर हत्या कर देता था। इसके बाद लाश के टुकड़े कर बाहर फेंक आता था।
पाठकों को बता दें कि 29 दिसंबर, 2006 को गौतम बुद्ध नगर के निठारी इलाके में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे स्थित नाले से 19 कंकाल बरामद किए गए थे। इस मामले में कोली और पंढेर को नोएडा की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया था। इस संपूर्ण प्रकरण में कुल 16 मुकदमे दर्ज किए गए थे और अदालत में 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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