मनोज सैनी
हरिद्वार। इंसान अपने निजी स्वार्थ साधने के लिए किस हद तक गिर सकता है इसका जीता जागता उदाहरण अभी हाल ही में हरिद्वार के पत्रकारों के एक संगठन के कुछ पत्रकारों के मध्य दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन को पहले फर्जी यूनियन बताने वाले कुछ स्वार्थी पत्रकारों ने जिनके शिव शंकर जायसवाल, दीपक नौटियाल, श्रवण झा आदि चंद पत्रकारों ने पहले श्रमजीवी पत्रकार यूनियन को फर्जी बताते हुए अपना नया गुट श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के नाम पर ही बना लिया, वहीं दूसरी और संजय आर्य, अविक्षित रमन और रजनीकांत शुक्ल आदि ने बयान जारी कर 15 मार्च को स्थानीय एसएमजेएन डिग्री कॉलेज में शपथ ग्रहण लेने वाली यूनियन को अवैध करार दिया था। दिलचस्प बात यह है की जिन लोगों ने श्रमजीवी पत्रकार यूनियन को फर्जी बताते हुए अलग गुट बना लिया था वे यूनियन के बल पर ही प्रेस क्लब के अध्यक्ष और महासचिव बने थे फिर उसी यूनियन में नाम पर नया गुट बना लिया। निजी स्वार्थ के लिए बने नए गुट में अब नया घटनाक्रम सामने आया है। 15 मार्च को शपथ लेने वाले अध्यक्ष सरदार रघुवीर सिंह ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है की शपथ लेने वाले गुट के कुछ सदस्यों ने शपथ ग्रहण के नाम पर शहर से लाखों रुपए का चंदा भी इकट्ठा कर लिया था। इसके लिए एक कहावत मशहूर है, सिर मुंडाते ही ओले पड़े।
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