प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल। उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की बदहाली से सभी वाकिफ हैं। आलम ये है कि कहीं स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं तो कहीं स्कूलों में पढ़ाने के लिए छात्र ही नहीं मिल रहे हैं। इसकी एक बानगी जनपद गढ़वाल जनपद के रिखणीखाल ब्लॉक में देखने को मिल रही है, जहां एक राजकीय विद्यालय में मात्र एक अकेली छात्रा के पठन पाठन के लिए 5 कर्मचारी जिसमें 2 शिक्षक, 1 भोजनमाता और 2 अन्य कर्मचारी हैं।
संकुल प्रभारी रहे प्रमोद चौधरी ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय क्वीराली तोल्यो के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से कक्षा पांच की कक्षाओं में गिनती की केवल एक अकेली छात्रा पढ़ाई कर रही है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र से बड़ी संख्या में पलायन होने के कारण ही राजकीय प्राइमरी स्कूल में मात्र एक ही छात्रा पढ़ने को मजबूर है। उन्होंने बताया की आंगनवाड़ी में अभी बच्चे छोटे है इसी कारण उनका स्कूल में दाखिला नहीं हो सकता। साथ ही उन्होंने बताया कि जब वह इस स्कूल में पढ़ाते थे तो 76 छात्र अध्ययनरत थे, मगर आज पहाड़ से पलायन के कारण विद्यालय में छात्रों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही हैं और आज हालत यह है की विद्यालय में केवल 1 ही छात्रा पढ़ने को मजबूर है।
बता दें कि उक्त स्कूल में अकेली पढ़ने वाली छात्रा दो किलोमीटर दूर के गाँव बिशणगयाऊ से जंगल के रास्ते आती है। उसे भी कभी-कभार उसके अभिभावक स्कूल तक छोडने आते हैं। वह भी सप्ताह में एक या दो दिन ही आते हैं क्योंकि जंगल होने के कारण जंगली जानवरों का भय बना रहता है और इस एक अकेली छात्रा के पठन-पाठन आदि के लिए 2 अध्यापक, 2 ऑगनबाडी कार्यकत्री व 1 भोजनमाता कार्यरत है। ऑगनबाडी कार्यकत्री व भोजनमाता स्थानीय महिलायें हैं। अध्यापकों में दीपदर्शन व भगवान दास के नाम सामने आ रहे हैं।
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