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पुत्र मोह में पड़े हरीश रावत के कारण कांग्रेस में लगी इस्तीफों की झड़ी। पूर्व अध्यक्ष नपाप, रुड़की दिनेश कौशिक, रुड़की महिला कांग्रेस अध्यक्ष रश्मि चौधरी, प्रदेश महासचिव संजय पाल आदि ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा। हरीश रावत पर लगाए गंभीर आरोप।

मनोज सैनी
हरिद्वार। हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक कोई भी आधिकारिक सूची जारी नहीं की लेकिन हरीश समर्थकों ने हरिद्वार सीट से हरीश रावत के पुत्र विरेंद्र रावत का नाम सांसद प्रत्याशी के रूप में प्रचारित कर दिया। इतना ही नहीं हरीश रावत ने कल अपना हरिद्वार लोकसभा का भ्रमण कार्यक्रम जारी करवाकर यह जताने का प्रयास किया कि पार्टी आलाकमान ने उन्हीं को उम्मीदवार बनाया है। राजनीति करने वाले लोग जानते है की यदि हरीश रावत अपना कार्यक्रम नहीं जारी करवाते तो लोग वीरेंद्र रावत के स्वागत कार्यक्रम में नहीं पहुंचते।

हरिद्वार सीट से वीरेंद्र रावत का नाम आते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हरीश रावत के प्रति आक्रोश पैदा हो गया और रुड़की क्षेत्र से एक के बाद एक कई नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा कर दी। सबसे पहले कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों में प्रदेश महासचिव संजय पाल ने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे की घोषणा की। उसके तुरंत बाद
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश कौशिक ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत का हरिद्वार लोकसभा सीट से टिकट के विरोध में कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।


उन्होंने हरीश रावत पर आरोप लगाया कि वह किसी भी निष्ठावान कार्यकर्ता को उभरने नहीं दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड में धन बल पर टिकट बांटे जा रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर आरोप लगाया की उन्होंने हरिद्वार जिले को अपनी जागीर समझ लिया है। पहले वह स्वयं हरिद्वार से सांसद रह चुके हैं उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को सांसद का चुनाव लड़ाया और हरिद्वार लोकसभा में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। अब उन्होंने अपने बेटे को हरिद्वार जिले से सांसद का टिकट करवा लिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के और कार्यकर्ता मुक दर्शक होकर देख रहे हैं कि इस बार हरिद्वार जिले से किसी स्थानीय को टिकट दिलाया जाएगा लेकिन इस बार भी हरीश रावत पुत्र मोह में फंस गए है और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया है। जिसे अब कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने हरीश रावत पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा की उन्होंने पुत्रमोह में पड़कर एक स्थानीय और ओबीसी नेता को उभरने नहीं दिया।

इसके बाद रुड़की महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता रश्मि चौधरी ने भी कांग्रेस आलाकमान और हरीश रावत पर परिवारवादी होने का आरोप लगाते हुए आगामी दिनों में कांग्रेस छोड़ने की बात स्वीकारी है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस में समर्पित कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं है और एक व्यक्ति पूरी पार्टी पर कब्जा कर अपने परिवार को राजनीति में स्थापित कर रहा है।

इसके बाद एन एस यू आई के पूर्व जिला महासचिव वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनुज पंडित ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया।


इतना ही नहीं विश्वस्त सूत्रों से जानकारी आ रही है कि हरीश रावत के परिवार वाद के चलते कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों की लंबी सूची है जो आगामी दिनों में कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहने जा रहे हैं।

हरिद्वार से भी इसी प्रकार की खबरे आ रही है। कांग्रेस के लिए दिन रात सोशल मीडिया पर निस्वार्थ भाव से काम करने वाले आशु भारद्वाज ने खुले आम सोशल मीडिया पर हरीश रावत का विरोध करते हुए लिखा है की मेरा वोट उमेश कुमार को, इतना ही नहीं उन्होंने उमेश कुमार को अपने यहां चुनावी कार्यालय खोले जाने का भी अनुरोध किया है।

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