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भारतीयता: 38 वर्षों से भाई बहन के पवित्र रिश्ते को पाकिजगी से निभा रहे हैं राव आफाक। पढ़िए नफरत मिटा, इंसानियत वाली कहानी, राव आफाक अली की जुबानी।

मनोज सैनी

हरिद्वार। एक और जहां सियासत दां सत्ता की खातिर देश में नफरत का जहर बो रहे हैं वहीं हरिद्वार जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गंगा जमुनी तहजीब के सशक्त हस्ताक्षर राव आफाक अली भाई- बहन के पाक रिश्ते रक्षा बंधन के त्यौहार को पिछले 38 वर्षों से पाकीजगी से निभा रहे हैं। आज भी उन्होंने अपनी मुंह बोली बहनों से राखी बंधवाकर इस रिश्ते को और मजबूत बना दिया है। इस अवसर पर राव आफाक अली ने बताया की 38 साल पहले वाई.के. शर्मा नाम के रानीपुर थाने मे एक थानेदार हुआ करते थे, जिनके कोई पुत्र नहीं था सिर्फ तीन बेटियां थी कंचन, सुरभि, दीपा। अचानक वे किसी काम से वाई. के.शर्मा के आवास सैक्टर – 3 क्वार्टर नंबर 101 मे पहुंचे थे तो दरोगा जी खाना खा रहे थे, उन्होंने कई बार खाने के लिए जिद की तो वह खाने पर बैठ गए। उसके बाद शर्मा जी की बेटियां उनके लिए भी खाना लेकर आ गई और वे खाना खाकर उन तीनों बहनों को 10- 10 रुपए देना चाहते थे, मगर उनकी जेब में 20 रुपए ही थे, उन्होंने वे 20 रुपए ही उन तीनों बहनों को दे दिए। राव आफाक अली ने बताया की वे तीनों बहने दौड़ कर बाहर गई और तीन राखियां खरीद कर ले आई और उन्होंने वे तीनों राखी उन्हें बांध दी उसके बाद उन्हें मिठाई भी खिलाई, राव आफाक अली ने बताया कि उन्हें मालूम नही था कि आज रक्षाबंधन का त्यौहार है। वो दिन था और आज का दिन, तक राव आफाक अली ने “रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाए ” लगातार इस पवित्र रिश्ते को बिना नागाह निभा रहे है और आखिरी दम तक निभाने का वचन लिए हुए है।
इसी प्रकार राव आफाक अली की छोटी बहन नुजहत राव, छोटे भाई एडवोकेट राव फरमान अली के दोस्त लव कुमार शर्मा जो सिंचाई विभाग मे जेई के पद पर है, लगभग 20 वर्षो से उन्हे रखी बांध रही है।
राव आफाक अली ने बताया कि उनका परिवार जात पात से उपर उठकर इंसानियत भाईचारा और अमन को अपने धर्म का हिस्सा मानते है क्योंकि इंसानियत और अमन के बिना कोई धर्म नही है, जो नफरत कर अमन और शांति को भंग करता है वो राक्षस कहलाता है।

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